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Sunday, August 13, 2017

* दोकड़ियाँ ... Dokadiyaan

(१) ढूँढो इल्मी आलिम नहीं, आमिल मुर्शिद को ।
     नौसिखिया फ़ाज़िल नहीं, कामिल मुर्शिद को ।।


(२) जो साहब आरिफ़ होते हैं उनकी मज़लिस में मैअ-ए-इरफ़ाँ बँटती है ।
     जो उनकी सोहबत करते और  कलमा पढ़ते उनकी मज़े में कटती है ।। 

(३) जो ताइब होते हैं वो तौबा कीया करते हैं ।
      बुराईयोँ को जल्द ही छोड़ दीया करते हैं ।।

(४) हक़-ता'अला वो  हक़ीक़त है, सच है, जो बोला नहीं जाता ।
      राज़-ए-हक़ मेहरे-मुर्शिद से खुलता है, खोला नहीं जाता ।।

(५) बहुत मुश्किल है बनना कमल-उल-गन्दगी ।
      ज़नाब चमन-ए-ग़ुलाब में गुज़ारो ये ज़िन्दगी ।।

(६) बहुत मुश्क़िल है बनना कीचड़ का कमल ।
     गुलाबी बाग़ में रह कर करो रूहानी अमल ।। 

(७) वक़्त पड़ने पर गधे को भी सर साब कहना पड़ता है ।
      तुम के तो लायक़ न हो, उसे भी आप कहना पड़ता है ।।
                               
                                                        - ( इकोभलो )

* रचना तिथि : १३-०६-२००६, संपादन तिथि : १३-०८-२०१७           
     

Friday, August 11, 2017

* प्रेम... Prem

प्रेम प्यार इश्क़ लव मुहब्बत । प्रेम भाव से होती सच्ची इबादत ।।

भक्ति-भाव के  बिन प्रभु पाया है किन । प्रेम-रूप हैं ईश्वर, नहीं हैं प्रेम से भिन्न ।।
प्रेम-भक्ति किये जाओ निश और दिन । प्रेम-जागृति हो उन हृदयों में जो प्रेमहीन ।।

प्रेम प्यार इश्क़ लव मुहब्बत । प्रेम भाव से होती सच्ची इबादत ।।

प्रेम की बँसी, प्रेम की वीणा, प्रेम की बीन । प्रेम से भरा हो आसमां और ये ज़मीन ।।
नीली छतरी देने वाले, हमें छतरी दो नवीन । हे प्रभु आसमाँ लाल करो, हरी हो ज़मीन ।।

प्रेम प्यार इश्क़ लव मुहब्बत । प्रेम भाव से होती सच्ची इबादत ।।

नीली छतरी से ऊब गए, मिले छतरी लाल । हरयाली पर लाली हो, सागर, गगनछत लाल ।।
क्योंकि नीला नहीं, प्रेम का रँग होता है लाल । हृदय परिवर्तन से ही होगा ये जादू कमाल ।।

प्रेम प्यार इश्क़ लव मुहब्बत । प्रेम भाव से होती सच्ची इबादत ।।

                                                                             - ( इकोभलो )

* रचना तिथि : २००५, संपादन तिथि : ११-०८-२०१७                        

Tuesday, August 8, 2017

Boojho to kya hai SAUT_O_CHIRAAG Dillee... Boojha to wah wah hai nahin to udegi khillee...



सारे जहां को रोशन करता है एक चिराग ।
चिराग दिल में है वो दिल है दिल-ऐ-दिमाग ।।
चिराग में गैबी सौत है सौत हयात का आब ।
आब बनाता बन्दे को आज़ाद मस्ताना साब ।।



                                          saare jahaan ko roshan karata hai ek chiraag .
                                          chiraag dil mein hai vo dil hai dil-ai-dimaag ..
                                          chiraag mein gaibee saut hai saut hayaat ka aab .
                                                                  aab banaata bande ko aazaad mastaana saab .. 
                                    
                                                                                                         - ( Icobhalo )
    

Monday, August 7, 2017

* कामिनी मतलब कमीनी... Kamini mean fuccker

                   आज के यानि कि कलियुग के काल में यदि किसी लड़की अथवा महिला को 'कामिनी' यानि कि 'सेक्सी' कह दिया जाये तो वह आमतौर पर बुरा नहीं मानती बल्कि प्रसन्न होती है ! जबकि यह संबोधन पूर्व के युगों में गाली समझा जाता था । दीर्घ-कालान्तर पश्चात् ये संबोधन 'कमीनी' में परिवर्तित हो गया है । अब भी सुना व देखा जाता है ज़िंदगी में या फिल्मों में कि यदि कोई लड़की किसी लड़के के साथ मुँह काला कर आती है तो उसकी माँ कहती है :- "कहाँ से मुँह काला कर आई कमीनी-कुत्तिया ?" । यह कमीनी-कुत्तिया वास्तव में कामिनी-कुत्तिया का ही परिवर्तित या विकृत संबोधन है ।
                  कामिनी-कुत्तिया का अर्थ है 'इरोटिक-बिच' (Erotic-bitch) 'होट-बिच' (hot-bitch) यानि कि 'गर्म-कुत्तिया' जोकि 'हॉट-डोग' (Hot-dog) की तलाश में रहती है । इनसे प्रेरित 'हॉट एंड सेक्सी' लोग पश्चिमी-देशों में ज़्यादा हैं, वैसे भारत में दो हॉट-एंड-सेक्सी व्यक्ति बड़े मशहूर हुए हैं जिन्हें आप भली-भाँति न्यूज़-मीडिया के ज़रिये जान चुके हैं... जी हाँ मोनिंदर और उसका नौकर सुरेन्दर उर्फ़ सतीश नोएडा के निठारी इलाके में रहने वाले दो असुर । वैसे पश्चिमी देशों में हॉट-एंड-सेक्सी लोग ज़्यादा हैं, वहां के एक फ़ास्ट-फ़ूड का नाम भी उन्होंने हॉट-डोग रखा है । भारत में भी यह फ़ास्ट-फ़ूड  'होट-डोग'  के नाम से ही उपलब्ध है । लेकिन फिर भी ख़ैर है भारत की इस कारण से कि भारत के कल्चर का जो बेस है, भारत की संस्कृति का जो आधार है वह "स्वीट-एंड-स्पिरिचुअल" (Sweet-and-spiritual) है ... वह "सौम्य-एवं-अध्यात्मिक" है । इसी आधार के कारण से ही भारत विश्व में के सभी देशों से अधिक प्रिय है मुझे । अन्तः मैं कहना चाहता हूँ "सारे जहाँ से अच्छा भारत हमारा है, भारत देश सब देशों से न्यारा है" । 
                                                                                                         - ( इकोभलो )
* रचना तिथि : १२-०२-२००७ , संपादन तिथि : ०७-०८-२०१७                                          

Sunday, August 6, 2017

* ऐेे इन्सान मन को मार... Ai Insaan man ko maar

 ऐेे इन्सान मन को मार, क्योंकि तूं है प्राणियों में सरदार ।
मनजीतै तो तू जगजीत, छोड़ दे मनप्रीत होजा ख़बरदार ।।
मन को अपने अधीन करना,  समझो आँधी को रोकने जैसा ।
कोई सु में रत सुरत सूरवीर बीर  ही, कर सकता है कुछ ऐेैसा ।।
ये सुरत चलाते सुमिरन-रुपी गोली, तो मन मर जाता इस से ।
अभ्यास द्वारा कुछ भी असंभव नहीं है, तो कैसे बचेगा मन ये ।।
वीरवान-सुरत को करना चाहे काबू, दुष्ट मन के पँजे का जादू ।
पर ये  सुरत, शब्द-अभ्यास द्वारा मन को ही कर लेता है काबू ।। 
                                    
                                       - ( कुलदीप सिंह 'इकोभलो' )
* रचना तिथि : २००३                    

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