मूण्ड मुण्डाने से कोई ब्राह्मण नहीं हो जाता...
... 'ब्राह्मण' सो जो ब्रह्म पहचाने । बाहर जाता भीतर आने ।।
उसे तरहाँ केश वद्धाण नाल कोई सिक्ख नहीं हो जाँदा...
...जो कोई वी गुरूआँ पीरां फ़कीराँ दी सिख्या ( शिक्षा ) नूँ अमल (प्रयोग) विच लै आँदा है ओह 'सिक्ख' है...
...गुरूआँ ने कहेया है माँस-शराब नहीं खावणा-पीवणा... सान्नू इस ते अमल करना चाहिदा है ।
- ( इकोभलो Icobhalo )
Kaun BRAHMAN ?
Kaun SIKH ?
... 'ब्राह्मण' सो जो ब्रह्म पहचाने । बाहर जाता भीतर आने ।।
उसे तरहाँ केश वद्धाण नाल कोई सिक्ख नहीं हो जाँदा...
...जो कोई वी गुरूआँ पीरां फ़कीराँ दी सिख्या ( शिक्षा ) नूँ अमल (प्रयोग) विच लै आँदा है ओह 'सिक्ख' है...
...गुरूआँ ने कहेया है माँस-शराब नहीं खावणा-पीवणा... सान्नू इस ते अमल करना चाहिदा है ।
- ( इकोभलो Icobhalo )
Kaun BRAHMAN ?
Kaun SIKH ?