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Thursday, November 7, 2013
Monday, October 21, 2013
इन्साँ कॉस्मोपोलिटन भक्त लोक नामक पेज...
Note : पाठकगणों मेरा फेसबुक पर एक पेज है...
... Insaan Cosmopolitan Bhakta Lok
(इन्साँ कॉस्मोपोलिटन भक्त लोक)...
...कृप्या इसे भी देखें ।
...इस पेज का पता है :- www.facebook.com/icobhalo
- ( Blogger : Kuldeep Singh - ( ICoBhaLo ) )
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Sunday, June 9, 2013
Mai na sher banunga na hi siyar banunga ...मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ! (नग़मा)
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मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
..
इन्सान हूँ इन्सान कहूँगा, ना कि भगवान ।
ना मैं रहमान, और ना ही शैतान कहूँगा ।।
इन्सानियत की ख़ातिर सभी ठोकरें सहूँगा ।।।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।।।
..
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
..
ठुकराओ मुझको, तभी तो मैं 'सुर्खरू' होऊँगा ।
ठुकराने वालों को, इक शायर का शेअर बोलूँगा ।।
कि 'सुर्ख़रू' होता है इन्साँ, ठोकरे खाने के बाद ।।।
रँग लाती है हिना, पत्थर पे घिस जाने के बाद ।।।।
..
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
..
खुद में संकीर्णता की सभी दीवारे ढ़ाऊँगा ।
हदों को हटा के, सभी को अपना कहूँगा ।।
सीमाओं को मिटाकर कोस्मोपोलिटन बनूँगा ।।।
छाती तानकर नहीं दिल बड़ा करके तनूँगा ।।।।
..
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
..
ना पँजाब केसरी, ना ही शेरे-पँजाब बनूँगा ।
ना शेरे उत्तर-प्रदेश, हरियाणा दिल्ली कहूँगा ।।
इन्साने-अल्लाह हूँ, इन्साने-अल्लाह रहूँगा ।।।
नर नारायण का हूँ खुद को शेर नहीं कहूँगा ।।।।
..
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
- ( इकोभलो )
- ( ICoBhaLo )
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
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इन्सान हूँ इन्सान कहूँगा, ना कि भगवान ।
ना मैं रहमान, और ना ही शैतान कहूँगा ।।
इन्सानियत की ख़ातिर सभी ठोकरें सहूँगा ।।।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।।।
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मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
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ठुकराओ मुझको, तभी तो मैं 'सुर्खरू' होऊँगा ।
ठुकराने वालों को, इक शायर का शेअर बोलूँगा ।।
कि 'सुर्ख़रू' होता है इन्साँ, ठोकरे खाने के बाद ।।।
रँग लाती है हिना, पत्थर पे घिस जाने के बाद ।।।।
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मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
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खुद में संकीर्णता की सभी दीवारे ढ़ाऊँगा ।
हदों को हटा के, सभी को अपना कहूँगा ।।
सीमाओं को मिटाकर कोस्मोपोलिटन बनूँगा ।।।
छाती तानकर नहीं दिल बड़ा करके तनूँगा ।।।।
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मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
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ना पँजाब केसरी, ना ही शेरे-पँजाब बनूँगा ।
ना शेरे उत्तर-प्रदेश, हरियाणा दिल्ली कहूँगा ।।
इन्साने-अल्लाह हूँ, इन्साने-अल्लाह रहूँगा ।।।
नर नारायण का हूँ खुद को शेर नहीं कहूँगा ।।।।
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मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
- ( इकोभलो )
- ( ICoBhaLo )
Thursday, April 11, 2013
JEEVAN MRITYU AVAM JANMA... जीवन मर्त्यु एवम जन्म :-
जीवन व मर्त्यु के अतिरिक्त एक तीसरा शब्द है जन्म ।
जीवन जब मिर्त्यु (5-तत्व) में आता उसे जन्म कहते है ।
~ इकोभलो ~
एक-सत्व ज़िन्दगी पँच-तत्व मौत...
1-SATVA ZINDAGI 5-TATVA MOUT :-
जगत 5-तत्व है, जीवन 1-सत्व है... जगत में जीवन है (अन्जन माहि निर-अन्जन रहियै) किन्तु जीवन में कुछ नहीं, सब जीवन के उपर ही है । जगत सुख-दुख है, जीवन आनन्द है ।दोस्तों.. 1-सत् जिन्दगी है और 5-तत् मौत ।
हम मौत के पन्जे में आते हैं तो रोते हैं बहोत ।।
जिन्दगी का असली मज़ा मौत से मुक्ति के बाद ही आता है ।
मोक्ष भी मुक्ति के साथ परछाई की तरह साथ ही रहता है ।।
~इकोभलो~
Regards : Insaan Cosmopolitan Bhakta Lok
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