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Thursday, April 11, 2013
एक-सत्व ज़िन्दगी पँच-तत्व मौत...
1-SATVA ZINDAGI 5-TATVA MOUT :-
जगत 5-तत्व है, जीवन 1-सत्व है... जगत में जीवन है (अन्जन माहि निर-अन्जन रहियै) किन्तु जीवन में कुछ नहीं, सब जीवन के उपर ही है । जगत सुख-दुख है, जीवन आनन्द है ।दोस्तों.. 1-सत् जिन्दगी है और 5-तत् मौत ।
हम मौत के पन्जे में आते हैं तो रोते हैं बहोत ।।
जिन्दगी का असली मज़ा मौत से मुक्ति के बाद ही आता है ।
मोक्ष भी मुक्ति के साथ परछाई की तरह साथ ही रहता है ।।
~इकोभलो~
Regards : Insaan Cosmopolitan Bhakta Lok
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